साहित्य ग्राम

वर्षों से हिन्दी साहित्य आकाश में शुचिता और गुणवत्तायुक्त पाठ्य सामग्री पाठकों की पहुँच तक आने में संघर्ष के कई पायदान तय कर रही है, हिन्दी का पाठक उच्चस्तरीय गुणवत्ता युक्त पाठक सामग्री की खोज करता है किन्तु उसे यह सामग्री कम ही उपलब्ध हो पा रही है। ऐसे कालखंड में शोधात्मक और सरल भाषा मानकों की पूर्णाहुति युक्त सामग्री पाठकों की पहुँच तक लाने के लिए मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा एक मासिक पत्रिका ‘साहित्य ग्राम’ की शुरुआत वर्ष २०२० में की गई। इसके संस्थापक एवं संपादक डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ है। इस पत्रिका का उद्देश्य विशुद्ध हिन्दी साहित्य सेवा है, इस पत्रिका के माध्यम से जनउपयोगी आलेख, कविताएँ, साक्षात्कार, स्तम्भ आदि के साथ-साथ हिन्दी व्याकरण सम्मत जानकारी आदि भी प्रसारित की जा रही है। साहित्य ग्राम अपने समय में हिन्दी प्रचार के अपने वृहद उद्देश्य को स्थापित करने और हिन्दी के रचनाकारों को सशक्त मंच उपलब्ध करवाकर गुणवत्ता युक्त पाठ्य सामग्री प्रकाशित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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