हिन्दी भाषा के उन्नयन और भारतीय भाषाओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने के उद्देश्य से माँ अहिल्या की नगरी इंदौर से ‘संस्मय प्रकाशन’ की नींव 21 फ़रवरी 2019, मातृभाषा दिवस के दिन रखी गई।
भारत के शीर्ष हिन्दी प्रकाशकों की सूची में सम्मिलित संस्मय प्रकाशन वर्तमान में भारत भर के लेखकों का पसंदीदा प्रकाशन है। संस्मय का कार्यालय देश की राजधानी दिल्ली में व देश के सबसे स्वच्छ शहर इन्दौर में स्थित है।
इसकी संचालिका श्रीमती शिखा जैन व प्रबंधक भावना शर्मा हैं। यह मुख्यतः हिन्दी पुस्तकों को प्रकाशित करने वाला एक प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थान है, जो मातृभाषा उन्नयन संस्थान का प्रकाशकीय अंग है। संस्मय प्रकाशन के माध्यम से साझा संकलन, स्मारिकाएँ, समीक्षाएँ आदि भी प्रकाशित करवाकर प्रतिभाओं को सामने लाने का सतत् प्रयास जारी है।
संस्मय प्रकाशन से अब तक अज्ञेय के चौथा सप्तक के कवि राजकुमार कुम्भज, डॉ. कुँअर बेचैन, अहद प्रकाश, डॉ. अमरनाथ अमर, डॉ. लालित्य ललित, डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’, डॉ. राजश्री सिंह, डॉ. प्रेरणा ठाकरे, डॉ. के. सी. सक्सेना सहित कई लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकारों की पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं।
रियायत मूल्य पर पाठकों को पुस्तकें उपलब्ध करवा कर उनकी साहित्यिक रुचि में वृद्धि कर हिन्दी भाषा के प्रचार में संस्मय प्रकाशन की भूमिका गणनीय है। हज़ारों पाठकों की पसंद के रूप में संस्मय गुणवत्ता युक्त किताबें प्रकाशित करने के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। संस्मय के द्वारा पुस्तकों की गुणवत्तायुक्त छपाई, नवाचार, और उच्च कोटि के काग़ज़ों का प्रयोग किया जाता है।
संस्मय प्रकाशन द्वारा पुस्तक ग्राम, पुस्तकों से मित्रता जैसे अभियान संचालित किए जा रहे हैं, जिनसे हज़ारों युवा किताबों से अपनी दोस्ती मज़बूत कर रहे हैं। पाठकों का सम्मान करना, उन्हें पुरस्कृत करना, पुस्तक मित्र तैयार करना आदि कार्य करके संस्मय प्रकाशन युवाओं में किताबों को पढ़ने की रुचि जागृत कर रहा है। वर्ष 2024 तक लगभग 85 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की गई हैं। और अब तक लगभग पचास से अधिक आयोजन कर एक लाख से अधिक पाठकों के परिवार के रूप में संस्मय प्रकाशन स्थापित हो चुका है।
वर्तमान में भी भारत के गाँवों में संस्मय द्वारा स्थापित पाठक केंद्र विकसित हो रहे हैं, जहाँ प्रतिमाह पुस्तक चर्चा जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विभिन्न पुस्तक मेले में संस्मय की सहभागिता उसे अपने पाठकों से जोड़ने में समृद्ध करती है। देश के अलग-अलग शहरोंमें आयोजित विभिन्न साहित्य उत्सव हो अथवा विश्व पुस्तक मेला नई दिल्ली सभी जगह संस्मय की मौजूदगी लेखकों को आश्वस्ति और पाठकों को सबलता देती है।
इन सब कार्यों से हज़ारों पाठकों का जुड़ना निरंतर जारी है। इन्हीं सब कार्यकलापों के कारण साहित्यिक पुस्तकों के प्रकाशन और लेखकों की प्रसिद्धि करने में संस्मय प्रकाशन अग्रणीय नाम बन चुका है। गुणवत्तापूर्ण प्रकाशन के कारण संस्मय प्रकाशन को आईएसओ प्रमाणित भी किया गया है। संस्मय प्रकाशन मध्यभारत ही नहीं अपितु देशभर में अब इंदौर की पहचान में शामिल हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचने के उद्देश्य से संस्मय गाँव-गाँव में पुस्तक प्रदर्शनी, विक्रय केन्द्र भी तैयार कर रहा है। हर घर पुस्तकालय अभियान के माध्यम से संस्मय ने हज़ारों पुस्तकालय तैयार कर दिए हैं। यहाँ तक कि लेखकों की छवि निर्माण और उनका पाठकों से संबंध बनाने के लिए संस्मय अपनी योजनाओं के माध्यम नवाचार कर रहा है। यही बात है कि अन्य प्रकाशकों की तुलना के अधिक कार्य कर रहा है, और पाठकों और लेखकों के द्वारा स्वीकार भी किया जा रहा है। संस्मय के माध्यम से बस्तियों में शिक्षण और पाठक केन्द्र तैयार हो रहे हैं।